1. इजोत – एकर मूल तत्सम शब्द ‘उद्योत’ अछि। जाहि सँ विकासक्रमक फलस्वरूप इजोत भेल अछि। जेना – उद्योत – इजोत
2. छुतहर – छुतहर शब्दक अर्थ होइछ ओहन ‘घट’ जे छुताएल हो। जे मांगलिक कार्यक लेल अनुपयुक्त होए। एकर विकासक्रम दुइ तरहेँ भेटैत अछि। सूतक घट वा च्युतघट – छुतहड़ – छुतहर।
3. हँकार – हँकार मैथिली मे प्रचलित शब्द अछि। हँकारक अर्थ होइछ बजाएब वा निमंत्रित करब। ई शब्द संस्कृतक ‘आकार्य्य’ शब्द सँ विकसित भेल अछि। एकर विकासक्रम अछि – आकार्य्य – हक्कारी – हँकार।
4. खेत – खेत शब्द संस्कृतक ‘क्षेत्र’ सँ निःसृत अछि। एकर विकासक्रम अछि – क्षेत्र – खेत ( क्ष, क, ख स्थान परिवर्तन भेल अछि) अर्थ परिवर्तन सेहो भेल अछि आओर अर्थ संकोच भेल अछि।
5. पथार – ‘पथार’ शब्द ‘प्रसारः’ सँ विकसित अछि। प्रसारः – पथार – पथार।
6. बरियाती – ‘बरियाती’ क मूल तत्सम शब्द अछि ‘वरयात्रीक’। ‘वरयात्रीक’ क शाब्दिक अर्थ छल ‘वर’ संग ‘यात्रा’ कएनिहार। जकर मूल शब्द घसाक एवं सुखक परिणाम स्वरूप बरियाती भए गेल। एकर विकासक्रम अछि – वरयात्रीक – वरयात्री – वरियात्री – बरियाती।
7. परिछन – ‘परिछन’ शब्द ‘परीक्षण’ सँ बहरायल अछि। ‘र’ मे दीर्घ ‘ई’ ह्रस्व ‘इ’ मे परिवर्तित भए गेल। ‘क्ष’ ‘छ’ मे परिणत भए गेल जकर परिणामस्वरूप परिछन भेल। परीक्षण – परिछन।
8. बसहा – एकर मूल थिक संस्कृतक ‘वृषभ’। पूर्व मे एकर अर्थ अँड़िया बड़द वा साँढ़ होइत छल। मुद्दा आजुक मैथिली मे अर्थ संकोच भेल सन्ता केवल महादेवक वाहन बसहा कहबैत अछि। एकर विकासक्रम अछि – सं.- वृषभ – प्रा.- बुसहो वा बसह – बसहा।
9. बाछा – बाछा संस्कृतक ‘वत्स’ सँ विकसित अछि। त्स् – छ भेने वत्स बाछा भेल अछि। एकर विकासक्रम अछि – वत्स – बाछा।
10. निसपीटर – ई आंग्ल शब्द इनसपेक्टरक अपभ्रंश थिक।लोक अज्ञानतावश तथा उच्चारणक दुरुहताक कारणेँ एकर मैथिली मे पूर्णतः आत्मसात करए लेल एकर मूल स्वरुपक मुखसुख द्वारा मैथिली ध्वनि प्रणाली मे इन्सपेक्टर सँ निसपीटर बनाए अपनाए लेलक अछि।एकर विकासक्रम अछि – इन्सपेक्टर – निसपीट्टर – निसपीटर।